जिले में 2.13 लाख बच्‍चों को दी जाएगी विटामिन ए की खुराक- सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह







18 दिसम्‍बर से 18 जनवरी तक आयोजित होगा बाल स्‍वास्‍थ्‍य पोषण माह

संतकबीरनगर। सीएमओ डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने कहा कि जिले में 2.13 लाख बच्‍चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। उन्‍हें एक खुराक पहले ही जून माह में दी जा चुकी है। जबकि दूसरी खुराक 18 दिसम्‍बर से लेकर आगामी 18 जनवरी तक बाल स्‍वास्‍थ्‍य पोषण माह विटामिन ए सम्‍पूर्णन कार्यक्रम के तहत दी जाएगी। इसके लिए जिन लोगों को भी जिम्‍मेदारी दी गई है, वे अपनी जिम्‍मेदारी का बखूबी निर्वहन करें।

यह बातें उन्‍होने बाल स्‍वास्‍थ्‍य पोषण माह विटामिन ए सम्‍पूर्णन कार्यक्रम के दौरान जिले के एआरओ व अधीक्षकों की बैठक को सम्‍बोधित करते हुए कही। उन्‍होने आगे कहा कि 17 दिसम्‍बर को सभी ब्‍लाक सीएचसी पीएचसी पर जिम्‍मेदारों की बैठक कर ली जाए, साथ ही साथ उन्‍हें आवश्‍यक दिशा निर्देशों से अवगत करा दिया जाय। इस दौरान विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के डॉ जलज खरे ने कहा कि विटामिन ए की खुराक देने में खुराक की एक्‍सपायरी डेट का ध्‍यान रखा जाए। साथ ही साथ इस बात का भी ध्‍यान रखा जाय की सारे बच्‍चे दवा पी लें। इस दौरान जिले के सभी स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों के अधीक्षक व एआरओ व अन्‍य चिकित्‍साधिकारियों के साथ ही जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान व अन्‍य लोग मौजूद रहे।

9 माह से 5 साल के बच्‍चों को देंगे खुराक- विटामिन ए की खुराक जिले के 9 माह से 5 साल तक के बच्‍चों को दी जाएगी। 9 माह से 5 साल तक के कुल 213093 बच्‍चे जनपद में हैं। इनमें से 9 माह से 12 माह तक के 12447 बच्‍चे हैं, इन्‍हें आधा चम्‍मच अर्थात एक मिली लीटर घोल दिया जाएगा। जबकि 1 से दो वर्ष के कुल 53519 बच्‍चे हैं, जिन्‍हें दो एमएल अर्थात एक चम्‍मच बिटामिन का घोल दिया जाएगा। वहीं 2 वर्ष से 5 वर्ष तक के कुल 1,47,127 बच्‍चे हैं, जिन्‍हें एक पूरा चम्‍मच अर्थात 2 एमएल का घोल दिया जाएगा। इस दौरान कुल 2070 सत्र चलाए जाएंगे।

विटामिन ए से होता है यह लाभ- जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान बताते हैं कि विटामिन ए से बच्‍चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है, रतौंधी रोग से बचाव होता है, कुपोषण से बचाव होता है। मानसिक विकलांगता में कमी आती है। एक साल में दो बार विटामिन ए की खुराक लेने से सभी कारणों से होने वाली मृत्‍यु में 23 प्रतिशत कमी, खसरे के कारण होने वाली मृत्‍यु में 50 प्रतिशत कमी तथा अतिसार रोग के कारण होने वाली मृत्‍यु में 33 प्रतिशत की कमी आती है।








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