मखौड़ा धाम, तपसीघाम, देवरिया माफी शिव मन्दिर, करण शिव मन्दिर, बड़ोखर शिव मन्दिर, दबिला शिव मन्दिर, अमोलीपुर में हनुमान मन्दिर, रानी गाॅव शिव मन्दिर, तिलकपुर शिव मन्दिर, देवखल बबुआ में मां काली मन्दिर, पड़रीबाबू मां काली मन्दिर तथा एतिहासिक स्थल छावनी में रामरेखा स्थल का होगा विकास एवं जीर्णोद्वार बस्ती। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्घन योजना में प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 50 लाख रूपये की लागत से एक स्थल का विकास किया जायेंगा। उक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने पर्यटन अधिकारी को प्रत्येक विधान सभा में एक-एक परियोजना का आगंणन तैयार कराकर शासन को भेजने का निर्देश दिया है। वे कलक्टेªट सभागार में जिलें में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होने कहा कि प्रत्येक विधायक से सम्पर्क करकें प्रस्ताव प्राप्त कर लें। समय से प्रस्ताव एवं आगणन भेजने पर इस वर्ष इस योजना में रू0 1.25 करोड़ रूपये प्राप्त हो जायेंगा। उन्होने कहा कि यदि आगणन 50 लाख रूपये से अधिक का बनता है, तो विधायक निधि से धन दिया जा सकता है। इसके लिये विधायक की सहमति लेना अनिवार्य होगा। यह योजना इसी वित्तीय वर्ष से लागू हुयी है। जिलाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत भी जिले के पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सकता है। इसकी योजना सीधे भारत सरकार को भेजना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि एक सर्किट में कम से कम तीन स्थलों का चयन एवं आगणन तैयार करना होगा। उन्होने समीक्षा में पाया कि पर्यटन विभाग द्वारा जिले में 17 परियोजनाओं पर कार्य कराया जा रहा है। इसमें मखौड़ा धाम तथा तपसीघाम, देवरिया माफी शिव मन्दिर, करण शिव मन्दिर, बड़ोखर शिव मन्दिर, दबिला शिव मन्दिर, अमोलीपुर में हनुमान मन्दिर, रानी गाॅव शिव मन्दिर, तिलकपुर शिव मन्दिर, देवखल बबुआ में मां काली मन्दिर, पड़रीबाबू मां काली मन्दिर तथा एतिहासिक स्थल छावनी में रामरेखा स्थल का स्थल विकास एवं जीर्णोद्वार शामिल है। समीक्षा में जिलाधिकारी ने पाया कि इन पर्यटन स्थलों का विकास कार्य धीमा है। उन्होने यू0पी0 सिड़को, यू0पी0पी0एस0एल0, राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0, सी0एण्डडी0एस0 उ0प्र0 जल निगम आदि कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होने तपसीघाम आश्रम का कार्य की प्रगति शून्य पाया जबकि कुल 1.91 करोड़ रूपये के सापेक्ष संस्था को 76.74 लाख रूपया दिसम्बर 19 में ही प्राप्त हो गया है। लगभग 03 माह में अभी टेन्डर भी फाइनल नहीं हो पाया है जबकि ये कार्य मुख्यमंत्री की घोषणा से संबंधित है। जिलाधिकारी ने इस स्थिति तथा कार्यदायी संस्था की लापरवाही की जानकारी पर्यटन निदेशाालय तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को देने का निर्णय लिया है। बैठक का संचालन पर्यटन अधिकारी, सिद्धार्थनगर अरविन्द राय ने किया। जिलाधिकारी ने उन्हें बस्ती में भी सप्ताह में दो दिन बैठने का निर्देश दिया। उन्होने यह भी कहा कि समीक्षा बैठक हर 15 दिन पर कराये। बैठक में सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका, कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि तथा एसडीएम रूधौली नीरज पटेल भी उपस्थित रहें।आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी
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