➤ जनपद में एकीकृत फसल प्रणाली (आई0एफ0एस0) माडल को बढावा दिया जाए
➤ किसानों एवं बेरोजगार नवयुवकों को कृषिगत व्यवसाय के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाय
➤ उच्च गुणवत्ता के उत्पादित बीजों को अधिक से अधिक किसानों को उपलब्ध कराया जाय- कुलपति डा0 बिजेन्द्र सिंह
बस्ती। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति, डा0 बिजेन्द्र सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बंजरिया बस्ती का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान कुलपति ने केन्द्र के तालाब के सौन्दर्यीकरण एवं उसके बन्धे पर किये गये केले के पौधरोपण पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होने वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि जनपद में एकीकृत फसल प्रणाली (आई0एफ0एस0) माडल को बढावा दिया जाय तथा तालाब के बन्धे के समुचित उपयोग एवं जनपद में केले व पपीता की खेती को बढाने हेतु कार्यक्रम बनाये जाये। उन्होने कहा कि किसानों एवं बेरोजगार नवयुवकों को कृषिगत व्यवसाय जैसे मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन, मूल्य संवर्धन, गुड के विभिन्न उत्पाद बनाने आदि पर लम्बी अवधि के व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किये जाय। केन्द्राध्यक्ष, डा0 एस0एन0 सिंह ने केन्द्र पर कृषक परिचर्चा मण्डप एवं वर्ष भर उत्पादन हेतु स्थापित होने वाली मशरूम उत्पादन इकाई पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। कुलपति ने रिसोर्स कन्जर्वेसन टेक्नालोजी (आर0सी0टी0) के अन्तर्गत केन्द्र पर सुपरसीडर से बोये गये गेंहूॅ की प्रजाति डी0बी0डब्ल्यू0-187 का अवलोकन किया तथा प्रसन्नता ब्यक्त की। उन्होने निर्देशित किया कि केन्द्र पर प्राकृतिक खेती पर अत्यधिक ट्रायल आयोजित करके प्राप्त डाटा के आंकलन के उपरान्त प्राकृतिक खेती का माडल बनाकर कृषकों के प्रक्षेत्र पर तकनीकी प्रदर्शन आयोजित कराया जाय। कुलपति ने गेंहूॅ, जौ एव सरसों के बीज उत्पादन कार्यक्रम का अवलोकन किया तथा फसलों की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होने निर्देशित किया कि उच्च गुणवत्ता के उत्पादित बीजों को अधिक से अधिक किसानों को उपलब्ध कराया जाय। उन्होने सभी वैज्ञानिकों को अपने मैनडेटरी कार्य के साथ-साथ कम से कम दो नई तकनीकों पर भी कार्य करने हेतु निर्देशित किया। उन्होने कहा कि दो वर्षों के परीक्षण के उपरान्त उपयुक्त तकनीक को जनपद के कृषिगत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जानकारी प्रदान कर जनपद में विस्तार कराया जाय जिससे किसानों की आय में दो से तीन गुना बृद्धि हो सके तथा खेती की लागत को कम किया जा सकें। उन्होने निर्देशित किया कि खेती के कार्य में कृषि यन्त्रीकरण को बढावा देने के उद्देश्य से केन्द्र पर छोटे-छोटे यन्त्र मंगाकर उनका प्रदर्शन किया जाय।
कुलपति ने केन्द्र के समस्त वैज्ञानिकों की बैठक कर उनके अनुभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा निर्देशित किया कि सभी वैज्ञानिक कृषि की नई-नई तकनीकों पर शोध करके उसका विस्तार कृषकों के प्रक्षेत्र पर करें जिससे जनपद के सभी कृषकों कृषि आधारित नयी तकनीकों का प्रयोग करके स्वरोजगार के साथ-साथ अधिक उत्पादन प्राप्त करके अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ कर सके। भ्रमण के दौरान डा0 डी0के0 श्रीवास्तव, डा0 वी0बी0 सिह, डा0 प्रेम शंकर, डा0 अंजलि वर्मा एवं हरिओम मिश्र आदि कर्मचारी उपस्थित रहें।
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