कलाऋषि पदमश्री बाबा योगेन्द्र की जयंती पर किया गया याद

पढ़ाई के दौरान से ही चित्रकला से बाबा योगेन्द्र जी का गहरा लगाव था-नवीन सिंह
बाबा का राष्ट्र समर्पित जीवन हम सबके लिए एक आदर्श-संतोष सिंह

बस्ती। कलाऋषि पदमश्री बाबा योगेन्द्र की जयंती उनके आवास पर मनायी गयी। इस अवसर पर लोगों ने बाबा को याद कर उन्हें नमन किया। राज्य ललित कला अकादमी के निवर्तमान सदस्य डॉ नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि बाबा योगेन्द्र जी को पढ़ाई के दौरान से ही सबसे ज्यादा चित्रकला से लगाव था, वह अपने कमरे में कागज के खिलौने व चित्र बनाकर खूब सजाते थे। कंधे पर झोला, झोले में सहस्रों कला साधकों, कार्यकर्ताओं के नाम, पतों वाली डायरी एक धोती कुर्ता यही बाबा जी की पूँजी थी।
बस्ती विकास समिति के संरक्षक संतोष सिंह ने कहा कि बाबा योगेंद्र जी अपने नाम के अनुरूप, कर्मयोगी और धैर्ययोगी थे और बाबा का राष्ट्र समर्पित जीवन हम सबके लिए एक आदर्श है। डा वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि बाबाजी मत नाम ले विश्राम का गुनगुनाते हुए अपनी राह बनाते हुए हमेशा बढ़ते रहे।
बस्ती विकास समिति महिला प्रकोष्ठ कोषाध्यक्ष सरिता शुक्ला ने कहा कि बाबा जी अपने लिए अत्यंत कठोर लेकिन दूसरों के लिए उतने ही उदार थे। बस्ती विकास समिति के संस्थापक अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि बाबा जी का हृदय निश्छल बालक के तरह पवित्र और स्वभाव पानी जैसा था।
इस दौरान ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव, मृदुला श्रीवास्तव, भक्तिनारायन श्रीवास्तव, बालमुकुंद आकाश, सौरभ श्रीवास्तव, सत्यम सिंह, विनय मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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