बस्ती। सभी बैंक सकारात्मक रूख अपनाते हुए जनकल्याणकारी योजनाओ को संचालित करें। उक्त निर्देश जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दिये है। वे कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि बैंक एवं विभागीय अधिकारियों में समन्वय की कमी के कारण लक्ष्य प्राप्त करने में दिक्कत आ रही है। सभी अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। समीक्षा में उन्होने पाया कि वार्षिक ऋण योजना में वित्तीय लक्ष्य रू0 241309.88 लाख के सापेक्ष 69596.51 लाख रू0 रहा, जो कि 28.84 प्रतिशत है। इस अवधि में लक्ष्य की उपलब्धि 50 प्रतिशत होना चाहिए था। ऋण जमा अनुपात 39.60 प्रतिशत है। जब कि इसे 40 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए था।जिलाधिकारी ने कहा कि यह जनपद कृषि प्रधान है। शासन के मंशा के अनुरूप सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य है परन्तु बैंक द्वारा अभी तक 104654 के सापेक्ष आधे से भी कम 43016 किसानों को कार्ड दिये गये है। मत्स्य पालन के लिए 98 क्रेडिट कार्ड के सापेक्ष मात्र 13 को यह कार्ड दिया गया है। उन्होने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने में बकरी पालन, पशु पालन, मुर्गी एंव मत्स्य पालन का विशेष योगदान है।
जिलाधिकारी ने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है परन्तु इसमें भी 127 आवेदन पत्र के सापेक्ष मात्र 09 स्वीकृत किया गया है। संबंधित विभागीय अधिकारी कहते है कि कई बार आवेदको की सूची बैंक को दी गयी परन्तु बैंक के जिला समन्वयक कहते है कि उन्हें कोई सूची नही मिली। जिलाधिकारी ने इस स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिया है कि 31 दिसम्बर तक सभी ऋण आवेदन पत्रों पर अन्तिम निर्णय लेकर समिति को अवगत कराये। हीला हवाली करने वाले शाखा प्रबन्धको के विरूद्ध कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति भेजी जायेंगी। बैठक का संचालन लीड बैंक मैनेजर अविनाश चन्द्रा ने किया, इसमें सीडीओ अरविन्द पाण्डेय, एडीएम रमेश चन्द्र, नाबार्ड के मनीष सरन, साहब लाल, आरएन सिंह, कृष्णा द्विवेदी, मिथिलेश, अशोक पाण्डेय, पीडी आरपी सिंह, उदय प्रकाश, एके सिंह, संदीप वर्मा एवं बैंक प्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
Tags
बस्ती /बस्ती मण्डल