वृद्ध जनों का करें सम्मान, उनकी सेहत और सुरक्षा का रखें ध्यान - सोनिया








व्यायाम शिक्षिका,  सोनिया

संतकबीरनगर। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज खलीलाबाद संत कबीर नगर की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने बताया कि हमें बुजुर्ग और वरिष्ठ जनों को सम्मान देना चाहिए और उनकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। आज हमारे देश में वृद्धों की उपेक्षा और प्रताड़ना की जो स्थितियां बनी हुई है उनमें सुधार किए जाने की आवश्यकता है ।

यदि आज हम अपने वृद्ध बुजुर्गों का सम्मान नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से कल हमें भी अपमान सहना होगा। यह हमारे जीवन की सच्चाई है की जो आज युवा है वह कल बूढ़ा भी थी  होगा। इस सच्चाई से कोई बच नहीं सकता लेकिन इस सच्चाई को जानने के बाद भी यदि हम बुजुर्गों पर अत्याचार करते हैं तो हमें मनुष्य कहलाने का कोई हक नहीं है।

हमें यह समझना चाहिए कि की वरिष्ठ नागरिक समाज की अमूल्य विरासत होते हैं उन्होने देश और समाज को बहुत कुछ दिया है हमारे वरिष्ठ जनों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का व्यापक अनुभव होता है और हम अपने परिवार समाज तथा राष्ट्र को बढ़ाने के लिए वरिष्ठ जनों के अनुभव का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन आज के समय की स्थिति या दूसरी हैं वृद्ध आज अपने घर की दहलीज  पर सहमा- सहमा सा है और उसकी आंखों में असुरक्षा तथा डर का भाव है। उनके हृदय में एक अंतहीन दर्द है, हमें उनको इस डरावनी स्थितियों से बाहर निकालना होगा और हर संभव सुधार का प्रयास करना होगा, उन्हें सम्मान देना होगा, उनका विश्वास जीतना होगा, बुजुर्ग हमारे लिए बोझ नहीं बल्कि आशीर्वाद हैं।

जब हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करेंगे तभी आगे आने वाली पीढ़ियां भी आपका सम्मान करेंगे हमें अपने बुजुर्गों के योगदान को नहीं भूलना चाहिए और ना ही उनको अकेलेपन की कमी महसूस होने देना चाहिए लेकिन वर्तमान समय में वृद्ध माता-पिता और उनकी संतान के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं और आज वृद्ध समाज- परिवार से कटा रहता हैं।  सामान्यतया वह इस बात से सबसे अधिक दुखी रहते हैं कि हमारे जीवन का इतना विशद अनुभव होने के बाद भी ना तो कोई इनकी राय लेता है। और ना ही इनकी राय को महत्व दिया जाता है। समाज में अपनी अहमियत ना समझे के कारण समाज में अपनी अहमियत ना समझे जाने के  कारण ही हमारा वृद्ध समाज दुखी ,अपेक्षित ,जीवन जीने को विवश है। 

वृद्ध समाज को दुख और कष्ट से छुटकारा दिलाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है आज हमें बुजुर्गों तथा वृद्धों के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के साथ-साथ समाज में उनको उचित स्थान देने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उम्र के इस पड़ाव पर अब उन्हें प्यार और सम्मान की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो यह जीवन का पूरा आनंद ले सकें बुजुर्गों के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार एवं अन्याय को समाप्त करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए कहते हैं कि एक पेड़  जितना बड़ा होता है वह उतना ही झुका होता है यानी वह उतना ही विनम्र और फल देने वाला होता है यही बात समाज के इस वर्ग पर भी लागू होती है जिसे आज की युवा तथा उच्च शिक्षित वर्ग यह कह कर वृद्ध आश्रम में छोड़ देता है यह लोग भूल जाते हैं कि अनुभव का दूसरा विकल्प दुनिया में नहीं है जिस घर को बनाने और सवारने में एक इंसान ने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी उसी घर में उसे एक तुच्छ वस्तु समझ लिया जाता है

बड़े बूढ़ों के इस व्यवहार को देखकर ऐसा लगता है जैसे हमारे संस्कार ही मर गए हैं और हमको इस तरह का व्यवहार अपने वृद्ध जनों से नहीं करना चाहिए जरूरत है आज के समय में हम अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझें और वृद्ध जनों का सम्मान करें उनके भरण-पोषण की पूरी व्यवस्था करें तभी हमारा जीवन  सफल होगा। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की सोनिया सोनिया ने लोगों से अपील की है कि हमें बुजुर्गों का विशेष ख्याल एवं उनका सम्मान करना चाहिए।

 

जीतेन्द्र पाठक की रिपोर्ट 







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