- सीएचसी खलीलाबाद व ब्लाक पीएचसी बेलहर में संक्रामक रोगों के सम्बन्ध में आशा कार्यकर्ताओं व संगिनियों का संवेदीकरण
- आशा कार्यकर्ताओं व संगिनियों को बताया गया संक्रामक रोगों के नियोजन का तरीका, दिए गए विभिन्न टिप्स
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बार्न डॉ. वी. पी. पाण्डेय का कहना है कि संक्रामक रोगों के चलते पूर्वांचल में मौत और विकलांगता को रोकने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है । आशा कार्यकर्ता ही वह प्रथम कड़ी है जो लोगों को संक्रामक रोगों के प्रति सचेत कर सकती है तथा उनको उचित सलाह देकर इस अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा सकती है। इसलिए यह जरुरी है कि संक्रामक रोगों के सम्बन्ध में जनता को निरन्तर जागरुक करें । समय के साथ बीमारी बढ़ती जाती है, इसलिए लोगों को इस बात के लिए जागरुक करें कि बुखार होने पर वह तुरन्त ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर चिकित्सक की सलाह से ही कोई दवा लें। किसी भी दशा में किसी झोलाछाप से या फिर खुद से ही मेडिकल स्टोर से कोई दवा लेकर न खाएं।
यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बार्न ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में वेक्टर जनित रोगों के सम्बन्ध में आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर संक्रामक रोगों के जांच की प्राथमिक सुविधाएं हैं। जेई-एईएस बीमारी के बारे में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था पाथ के जिला समन्वयक देवचन्द श्रीवास्तव ने कार्यशाला के दौरान बताया कि आशा कार्यकर्ता व संगिनी लोगों को जागरुक करें कि स्वास्थ्य केन्द्र जाने में कोई भी परेशानी हो तो तुरन्त 108 नंबर एम्बुलेंस सेवा का सहयोग लेना है। जितनी जल्दी बीमार लोग स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचेंगे, उतनी ही ज्यादा उनके संक्रामक रोगों की चपेट में आने की आशंका कम होगी। जिला मलेरिया अधिकारी ने इस अवसर पर आशा कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपील की । इस दौरान बीपीएम अभय त्रिपाठी, बीसीपीएम महेन्द्र त्रिपाठी, मलेरिया इंस्पेक्टर संजय यादव के साथ ही 40 आशा कार्यकर्ता, संगिनी तथा 10 एएनएम व स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रशिक्षण ले रही आशा संगिनी सरोज यादव ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण बहुत ही आवश्यक हैं। आशा कार्यकर्ताओं की जानकारी अद्यतन होती रहती है। हम निरन्तर यह प्रयास करेंगे कि जेई व एईएस से होने वाली मौत तथा विकलांगता को रोका जा सके।
इसी क्रम में ब्लाक पीएचसी बेलहर में सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी के निर्देशन में प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश चौधरी, पाथ संस्था के समन्वयक प्रवेश उपाध्याय तथा मलेरिया इंस्पेक्टर अतिन श्रीवास्तव मौजूद रहे। प्रशिक्षण के दौरान मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया जैसे रोगों से सम्बन्धित पाठ्य सामग्री का वितरण भी प्रशिक्षणार्थियों के बीच किया गया। इनमें रोगों के लक्षण , कारण, बचाव व निदान के बारे में विधिवत जानकारी दी गई है।
एईएस के मरीज पर 300 तथा डेंगू पर 200 रुपए प्रोत्साहन राशि
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि अगर कोई आशा कार्यकर्ता किसी बुखार के मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र भेजती है और उसमें जेई या एईएस की पुष्टि होती है तो आशा कार्यकर्ता को 300 रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। अगर किसी मरीज के अन्दर डेंगू पाया जाता है तो आशा कार्यकर्ता को 200 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
क्लोरीन से जलशोधन का बताया गया तरीका
आशा कार्यकताओं को इस दौरान क्लोरीन से जलशोधन का तरीका भी बताया गया। उन्हें यह बताया गया कि वह लोगों को साफ पानी पीने के लिए प्रेरित करें। क्लोरीन से जल शोधन के लिए क्लोरीन की एक गोली 20 लीटर पानी मे पीसकर डालें तथा 45 मिनट तक उसे छोड़ दें। इसके बाद पानी को धीरे धीरे पीने वाले बर्तन में छान लें। छानने के बाद 24 घण्टे तक इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आशा कार्यकर्ताओं को वेक्टर बार्न प्रशिक्षण
- आशा कार्यकर्ताओं व संगिनियों को बताया गया संक्रामक रोगों के नियोजन का तरीका, दिए गए विभिन्न टिप्स
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बार्न डॉ. वी. पी. पाण्डेय का कहना है कि संक्रामक रोगों के चलते पूर्वांचल में मौत और विकलांगता को रोकने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है । आशा कार्यकर्ता ही वह प्रथम कड़ी है जो लोगों को संक्रामक रोगों के प्रति सचेत कर सकती है तथा उनको उचित सलाह देकर इस अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा सकती है। इसलिए यह जरुरी है कि संक्रामक रोगों के सम्बन्ध में जनता को निरन्तर जागरुक करें । समय के साथ बीमारी बढ़ती जाती है, इसलिए लोगों को इस बात के लिए जागरुक करें कि बुखार होने पर वह तुरन्त ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर चिकित्सक की सलाह से ही कोई दवा लें। किसी भी दशा में किसी झोलाछाप से या फिर खुद से ही मेडिकल स्टोर से कोई दवा लेकर न खाएं।
यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बार्न ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में वेक्टर जनित रोगों के सम्बन्ध में आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर संक्रामक रोगों के जांच की प्राथमिक सुविधाएं हैं। जेई-एईएस बीमारी के बारे में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था पाथ के जिला समन्वयक देवचन्द श्रीवास्तव ने कार्यशाला के दौरान बताया कि आशा कार्यकर्ता व संगिनी लोगों को जागरुक करें कि स्वास्थ्य केन्द्र जाने में कोई भी परेशानी हो तो तुरन्त 108 नंबर एम्बुलेंस सेवा का सहयोग लेना है। जितनी जल्दी बीमार लोग स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचेंगे, उतनी ही ज्यादा उनके संक्रामक रोगों की चपेट में आने की आशंका कम होगी। जिला मलेरिया अधिकारी ने इस अवसर पर आशा कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपील की । इस दौरान बीपीएम अभय त्रिपाठी, बीसीपीएम महेन्द्र त्रिपाठी, मलेरिया इंस्पेक्टर संजय यादव के साथ ही 40 आशा कार्यकर्ता, संगिनी तथा 10 एएनएम व स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रशिक्षण ले रही आशा संगिनी सरोज यादव ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण बहुत ही आवश्यक हैं। आशा कार्यकर्ताओं की जानकारी अद्यतन होती रहती है। हम निरन्तर यह प्रयास करेंगे कि जेई व एईएस से होने वाली मौत तथा विकलांगता को रोका जा सके।
इसी क्रम में ब्लाक पीएचसी बेलहर में सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी के निर्देशन में प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश चौधरी, पाथ संस्था के समन्वयक प्रवेश उपाध्याय तथा मलेरिया इंस्पेक्टर अतिन श्रीवास्तव मौजूद रहे। प्रशिक्षण के दौरान मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया जैसे रोगों से सम्बन्धित पाठ्य सामग्री का वितरण भी प्रशिक्षणार्थियों के बीच किया गया। इनमें रोगों के लक्षण , कारण, बचाव व निदान के बारे में विधिवत जानकारी दी गई है।
एईएस के मरीज पर 300 तथा डेंगू पर 200 रुपए प्रोत्साहन राशि
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि अगर कोई आशा कार्यकर्ता किसी बुखार के मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र भेजती है और उसमें जेई या एईएस की पुष्टि होती है तो आशा कार्यकर्ता को 300 रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। अगर किसी मरीज के अन्दर डेंगू पाया जाता है तो आशा कार्यकर्ता को 200 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
क्लोरीन से जलशोधन का बताया गया तरीका
आशा कार्यकताओं को इस दौरान क्लोरीन से जलशोधन का तरीका भी बताया गया। उन्हें यह बताया गया कि वह लोगों को साफ पानी पीने के लिए प्रेरित करें। क्लोरीन से जल शोधन के लिए क्लोरीन की एक गोली 20 लीटर पानी मे पीसकर डालें तथा 45 मिनट तक उसे छोड़ दें। इसके बाद पानी को धीरे धीरे पीने वाले बर्तन में छान लें। छानने के बाद 24 घण्टे तक इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आशा कार्यकर्ताओं को वेक्टर बार्न प्रशिक्षण
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