- कोटेदार और प्रतिनिधि पर राशन की कालाबाजारी का आरोप
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। विकासखंड
खलीलाबाद के डड़वा ग्राम सभा में राशन की कालाबाजारी का मामला सामने आया
है। कालाबाजारी की सूचना पर पहुंचे सप्लाई इंस्पेक्टर की जांच में कोटेदार
के गोदाम से राशन नही मिला। सप्लाई इंस्पेक्टर ने जांच के बाद मुकदमा
दर्ज करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि कौवाटार,
चुरेब, ख़िरीडीहा 2015 में डड़वा से अलग होकर नया ग्राम सभा बना था। कौवाटार
में कोटे की दुकान न होने की वजह से यहां के ग्रामीणों को राशन डड़वा स्थित
कोटे के दुकान से मिलता था। करीब 3 माह पूर्व कौवाटार ग्राम सभा मे भी
समूह को कोटे की दुकान दे दी गई। आरोप है कि आदेश होने के बाद भी कोटेदार
प्रतिनिधि ने समूह के दुकान का भी राशन उठा लिया। सप्लाई इंस्पेक्टर के
कहने के बाद भी कोटेदार प्रतिनिधि मुकेश ने समूह को राशन स्थानांतरित नही
किया। और आज कल कहते हुए मामले को टालता रहा। जब ग्रामीणों ने अपने स्तर से
जांच की तो पता चला कि राशन की कालाबाजारी हो चुकी है। जिसके बाद इसकी
सूचना सम्बन्धित विभाग को दी गई।
सप्लाई इंपेक्टर ने
बताया कि सूचना मिली थी कि जो राशन समूह को हैंड ओवर करना था उसकी
कालाबाजारी हो गई है। मौके पर जांच करने पर कोटेदार के गोदाम में राशन नही
पाया गया। जिसके बाद मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच के बाद निर्गत
धाराओं में कोटेदार अनवारुल हसन और उसके प्रतिनिधि मुकेश के खिलाफ
कार्यवाही की जाएगी।
ग्रामीणों
की माने तो मुकेश के पिता राम पियरे उर्फ पियरे विगत कई वर्षों से विभिन्न
गांवों का कोटा चलाता था। उसका बेटा मुकेश भी उसके साथ कोटे के संचालन में
साथ रहता था। पुराना होने के कारण उसे इस क्षेत्र के सभी बारीकियां मालूम
है। जिसका फायदा उठाकर वह राशन की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर करता रहा।
ग्रामीणों की मानें तो उसकी कालाबाजारी को लेकर कई बार उसके खिलाफ जिला
पूर्ति विभाग को शिकायत की गई लेकिन जांच के नाम पर लीपापोती कर मामले को
रफा-दफा कर दिया जाता था। ग्रामीण बताते हैं कि जनपद के कुछ रसूखदारों का
उसे संरक्षण प्राप्त है। जिसके कारण विभाग में भी उसकी गहरी पैठ है।
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