धार्मिक कार्य करने से मन को प्राप्त होता है अद्भुत आनन्द - समाजसेवी अंकुर राज तिवारी

जिस घर में नित्य भगवान की पूजा हो, वह घर तीर्थ के समान हो जाता है  - विद्याधर भारद्वाज जी महराज
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। विकास खंड खलीलाबाद अन्तर्गत ग्राम सभा विश्वनाथपुर भागवत कथा में पहुंचे समाजसेवी कपिलदेव तिवारी महाविद्यालय के प्रबंधक अंकुर राज तिवारी ने कथा वाचक विद्याधर भारद्वाज जी महराज का माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।
समाजसेवी अंकुर राज तिवारी ने कहा कि धार्मिक कार्य करने से हम सभी लोगो के मन को अद्भुत आनन्द प्राप्त होता है, तथा समाज में व्याप्त बुराईया समाप्त हो जाती है। एैसे धार्मिक आयोजन में हम सभी लोगो को भाग लेना चाहिए। धर्म करने मात्र से हमे चारों प्रकार के पुरूषार्थ प्राप्त होते है। धर्म, अधर्म काम मोक्ष बड़े ही आसानी से प्राप्त हो सकते है। कथा वाचक विद्याधर भारद्वाज ने कहा कि भागवत-कथा के श्रावण मात्र से मुक्ति हाथ लगती है। भागवत में अठारह हजार श्लोक है, और यह शुकदेव-परीक्षित का संवाद है जिस घर में नित्यप्रति भागवत कथा होती है, वह घर तीर्थरूप होजाता है जो लोग उसमे रहते है, उनके सारे पाप नष्ट हो जाते है। मनुष्य अंत समय में भी भागवत सुन लेता है, उसे प्रभु वैकुण्ठ धाम भेज देते है। करोड़ो जन्मों के पुण्य उदय होते है तभी भागवत की प्राप्ति होती है-भागवत की महत्ता सुनकर शौनकजी ने पूछा-सूतजी! भागवत मोक्ष की प्राप्ति में सभी साधनों से कैसे आगे बढ़ गया। सूतजी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जब अपने स्वधाम को पधारने लगे तो उद्धव ने उनसे कहा कि आप तो जा रहे हैं, अब इस घोर कलियुग में साधु, संत, सज्जनों की रक्षा कौन करेगा और उनके जीवन का सहारा क्या होगा। इसलिए आप उनके हितमें यहाँ से न जाइये। इस पर भगवान सोचने लगे कि भक्तो के वशीभूत होते हैं।

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