- जिले की आठ नर्सों का चल रहा है एसबीए प्रशिक्षण
- विशेषज्ञ चिकित्सक दे रहे हैं नर्सेज को बेहतर प्रशिक्षण
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। गर्भ के दौरान होने वाली शिशुओं तथा माताओं की मौतों को रोकने के लिए जिले में स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट (एसबीए) की तैनाती की जाएगी। जिले के विभिन्न अस्पतालों की 8 नर्सेज को 21 दिन का स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही साथ अनुभवी नर्सेज इनकों तीन चरणों में प्रशिक्षित करने का काम कर रहे हैं।
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देश पर प्रसव के दौरान होने वाली बच्चों तथा माताओं की मृत्युदर में कमी लाने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस प्रशिक्षण के दौरान 5 दिनों का क्लिनिकल व सैद्धान्तिक प्रशिक्षण दिया गया। उसके पश्चात स्थानीय जिला अस्पताल में उन्हें प्रसव कार्य के दौरान होने वाली जटिलताओं को पहचानने और उनके त्वरित निदान का प्रशिक्षण जिला चिकित्साय में 3 चरणों में दिया जा रहा है। उन्हें प्रबन्धन और रेफरल की नकारी दी जा रही है। प्शिक्षण देते हुए पीडियाट्रिशियन व एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने बताया कि प्रसव के दौरान देखे जाने वाले लक्षणों के साथ ही उनके रेफरल प्रबन्धन पर भी ध्यान देना होगा। इस दौरान डॉ राधिका पाठक ने बताया कि एक महिला को प्रसव के दौरान रक्तश्राव अधिक हो रहा है तो उसे हमें रक्त के निकलने वाले समय तथा भीगने वाली पैड को काउण्ट करके जानना होगा। अगर 500 मिलीलीटर से अधिक रक्त का स्राव हो जाए तो तुरन्त ही आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। वहीं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर पी राय ने नवजात बच्चों को होने वाले रोगों के बारे में बताया। इसमें उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) के तकनीकी विशेषज्ञ के साथ ही अन्य लोगों के द्वारा भी विविध प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इन बिन्दुओं पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान प्रसव के पूर्व गर्भावस्था में देखभाल, प्रसवकालीन प्रसूति पीड़ा और प्रसव के दौरान देखभाल,प्रसव उपरांत शिशु जन्म के बाद देखभाल, नवजात शिशु की जरूरी देखभाल की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्हें स्किल लैब में माडल पर प्रैक्टिस, ओपीडी एरिया व लेबर रुम में भी कुशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
5 प्रशिक्षकों का पैनल कर रहा प्रशिक्षित
इन सभी स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट को 5 प्रशिक्षकों का पैनल प्रशिक्षित कर रहा है। इस पैनल में बाल रोग विशेषज्ञ व एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर पी राय, डॉ राधिका पाठक, स्टाफ नर्स निर्मल चौधरी व सुनीता चौधरी शामिल हैं।
पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पूर्ण
इन नर्सेज को स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट बनाने के लिए 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण जिला महिला चिकित्सालय गोण्डा में पूर्व में ही सम्पन्न हो चुका है। वहां से प्रशिक्षण प्राप्त करके इन नर्सेज को अब संयुक्त जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- विशेषज्ञ चिकित्सक दे रहे हैं नर्सेज को बेहतर प्रशिक्षण
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। गर्भ के दौरान होने वाली शिशुओं तथा माताओं की मौतों को रोकने के लिए जिले में स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट (एसबीए) की तैनाती की जाएगी। जिले के विभिन्न अस्पतालों की 8 नर्सेज को 21 दिन का स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही साथ अनुभवी नर्सेज इनकों तीन चरणों में प्रशिक्षित करने का काम कर रहे हैं।
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देश पर प्रसव के दौरान होने वाली बच्चों तथा माताओं की मृत्युदर में कमी लाने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस प्रशिक्षण के दौरान 5 दिनों का क्लिनिकल व सैद्धान्तिक प्रशिक्षण दिया गया। उसके पश्चात स्थानीय जिला अस्पताल में उन्हें प्रसव कार्य के दौरान होने वाली जटिलताओं को पहचानने और उनके त्वरित निदान का प्रशिक्षण जिला चिकित्साय में 3 चरणों में दिया जा रहा है। उन्हें प्रबन्धन और रेफरल की नकारी दी जा रही है। प्शिक्षण देते हुए पीडियाट्रिशियन व एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने बताया कि प्रसव के दौरान देखे जाने वाले लक्षणों के साथ ही उनके रेफरल प्रबन्धन पर भी ध्यान देना होगा। इस दौरान डॉ राधिका पाठक ने बताया कि एक महिला को प्रसव के दौरान रक्तश्राव अधिक हो रहा है तो उसे हमें रक्त के निकलने वाले समय तथा भीगने वाली पैड को काउण्ट करके जानना होगा। अगर 500 मिलीलीटर से अधिक रक्त का स्राव हो जाए तो तुरन्त ही आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। वहीं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर पी राय ने नवजात बच्चों को होने वाले रोगों के बारे में बताया। इसमें उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ( यूपीटीएसयू ) के तकनीकी विशेषज्ञ के साथ ही अन्य लोगों के द्वारा भी विविध प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इन बिन्दुओं पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान प्रसव के पूर्व गर्भावस्था में देखभाल, प्रसवकालीन प्रसूति पीड़ा और प्रसव के दौरान देखभाल,प्रसव उपरांत शिशु जन्म के बाद देखभाल, नवजात शिशु की जरूरी देखभाल की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्हें स्किल लैब में माडल पर प्रैक्टिस, ओपीडी एरिया व लेबर रुम में भी कुशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
5 प्रशिक्षकों का पैनल कर रहा प्रशिक्षित
इन सभी स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट को 5 प्रशिक्षकों का पैनल प्रशिक्षित कर रहा है। इस पैनल में बाल रोग विशेषज्ञ व एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर पी राय, डॉ राधिका पाठक, स्टाफ नर्स निर्मल चौधरी व सुनीता चौधरी शामिल हैं।
पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पूर्ण
इन नर्सेज को स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट बनाने के लिए 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण जिला महिला चिकित्सालय गोण्डा में पूर्व में ही सम्पन्न हो चुका है। वहां से प्रशिक्षण प्राप्त करके इन नर्सेज को अब संयुक्त जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला अस्पताल के हाल में स्किल बर्थ अटेण्डेण्ट का प्रशिक्षण कार्यक्रम
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