बच्चों ने महर्षि दयानंद के जीवन पर आधारित उनके संस्मरण सुनाए तथा उनके जीवन की गाथा गाकर उनके शिक्षाओं को याद किया
साँची वाणी संवाददाता
बस्ती। स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय में महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर ऋषि बोध उत्सव मनाया गया जिसमें विद्यालय के बच्चों ने महर्षि दयानंद के जीवन पर आधारित उनके संस्मरण सुनाए तथा उनके जीवन की गाथा गाकर उनके शिक्षाओं को याद किया। इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा कि महाशिवरात्रि के इस दिन ने मूलशंकर को महर्षि दयानंद बना दिया। जब महाशिवरात्रि का व्रत करते हुए उनका रात्रि जागरण चल रहा था तो उन्होंने देखा कि चूहे शिवलिंग पर चढ़कर उस पर चढ़ा हुआ प्रसाद भी खा रहे हैं और उस पर मल मूत्र भी कर रहे हैं तो जो उनके मन में शिव दर्शन की आस थी वह टूट गई और वे सच्चे शिव की तलाश में जुट गए। कठिन साधना व तप के बल पर उन्होंने शिव के सच्चे स्वरूप को समाज के समक्ष रखा और पाखंडियों से शास्त्रार्थ कर पूरी दुनिया को वेदों की ओर लौटो का नारा दिया और उन्हें यथार्थ जानने के लिए पुरुषार्थ की प्रेरणा दी। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक आदित्य नारायण गिरि ने कहा कि देश में फैली कुरीतियों को समाप्त करने के लिए स्वामी दयानंद ने ना केवल उसका विरोध किया बल्कि उसका वैदिक विकल्प भी लोगों के समक्ष रखा। आज सच्चे शिव के स्वरूप को लोग भूलते जा रहे हैं और समाज के सामने शिव को गंजेड़ी, भंगेड़ी व भूतनाथ बना कर खड़ा कर दिया है। इस प्रकार लोग मदिरा, भांग, गांजा आदि पदार्थों को शिव का प्रसाद समझकर खाने लगे हैं। इससे शिव के वास्तविक स्वरूप को जानने में बड़ी असुविधा हो रही है। शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि आज हमें शिव का कल्याणकारक व महायोगी स्वरूप को ग्रहण करना चाहिए जो किसी भी दुर्गुण, दुर्व्यसन एवं दुखांे में लिप्त नहीं है। इस अवसर पर दिनेश कुमार, पारो गुप्ता, शुभ्रा वर्मा अनीशा मिश्रा, अरविंद श्रीवास्तव, नितेश कुमार, प्रिया कुमारी, वन्दना, जूही सिंह, एकता गुप्ता, अमित कुमार, राधेश्याम आर्य, सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।