- बच्चों को दी गई बेहतर तरीके से हाथ धुलने के तरीके की जानकारी
- गर्भवती अपने स्वास्थ्य के प्रति रहें सचेत, नियमित जांच करायें
संतकबीरनगर। जिले में चल रहे पोषण पखवाड़े के दौरान सोमवार को विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जहां महिलाओं के बीच पोषण को लेकर चर्चा हुई, वहीं दूसरी तरफ स्वच्छता के विषय पर भी लोगों को जागरुक किया गया। बच्चों को हाथ धुलने के तरीके की जानकारी प्रदर्शन करके की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी विजयश्री के निर्देशन में जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
खलीलाबाद ब्लाक की मुख्य सेविका नीना श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक कर लोगों को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गर्भवती अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, नियमित जांच कराती रहें, एनीमिया से बचने के लिए आयरन की गोली के साथ साथ पौष्टिक आहार लेती रहें, अगर गर्भवती स्वस्थ रहेगी तभी स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। महिलाएं अपने बच्चों को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराएं, छह माह बाद ही अन्नप्राशन कराएं। पूरक आहार के रुप में पहले मसला हुआ दलिया ही दें। साथ ही साथ बच्चे को सभी आवश्यक टीके जरूर लगाएं, ताकि बच्चे को कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। मुख्य सेविका वन्दना सिंह ने बताया कि लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि विभिन्न रोगों से बचाव के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। अपने घर के आसपास जलजमाव व गंदगी कत्तई न होने दें। गंदगी से विभिन्न प्रकार की बीमारी फैलती है। सभी लोग शौचालय का प्रयोग करें, साबुन से हाथ जरूर धुल लिया करें। बच्चों को हाथ धुलने की ट्रेनिंग भी दी गई ।
पोषण के साथ स्वच्छता जरुरी
स्वच्छ भारत प्रेरक साक्षी शुक्ला ने बताया कि पोषण में स्वच्छता का भी विशेष महत्व है। बिना स्वच्छता के पोषक आहार पूरी तरह से बेकार होता है। बिना स्वच्छता के आहार में पोषण नहीं मिल सकता है। इसीलिए पोषण माह के दौरान प्रतिदिन की गतिविधियों के साथ हाथ धुलने के बारे में बताया जाता है। दरअसल यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है। क्योंकि हाथ की धुलाई से बीमारियों से बचा जा सकता है, और यह बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है। हर व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति इन छोटी-छोटी बातों के प्रति सजग होना चाहिए, ताकि हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें।
कोरोना से बचाव में भी हाथ धुलना जरुरी
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ ओ पी चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना वायरस से बचने के लिए भी हाथ धुलना जरुरी है। कारण यह है कि यह वायरस 12 से 14 घंटे तक व कपड़ों पर यह 9 से 10 घंटे तक जीवित रहता है। हथेली पर यह 15 से 20 मिनट तक सक्रिय रहता है। यह वायरस हथेली के जरिए ही संक्रमण फैला रहा है। इसी वजह से हर 20 मिनट पर हाथ को धुलने की सलाह दी जा रही है। सामान्य साबुन या फिर सेनेटाइजर से हर 20 मिनट पर हाथ को साफ करें। लिक्विड सोप से 20 सेकेन्ड तक हाथ जरूर धोएं।
जागरुकता के लिए प्रचार करती हुई आंगन बाडी कार्यकर्ता
हाथ धुलाने का अभ्यास कराते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
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