बस्ती। चैत्र नवरात्रि और रमजान में लोगों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिये। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक एवं केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डॉ अनुरूद्ध वर्मा एवं जिला अस्पताल में आयुष चिकित्साधिकारी डॉ वी के वर्मा ने व्रतधारियों और रोजा रखने वालों को खान - पान में विशेष ध्यान देने की जरूरत बताया।
डा. अनुरूद्ध वर्मा एवं डॉ वी के वर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि इस बार चैत्र नवरात्रि और माहे रमजान की शुरुवात ऐसे समय पर हो रही है जब देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। भीषण गर्मी एवं धूप के इस मौसम में व्रतधारियों और रोजेदारों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना बीमारी से बचने लिये घर मे ही रह कर पूजा पाठ, इबादत एवं नमाज अदा करना चाहिये। बताया कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये एवं बनाये रखने के लिए अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी युक्त फलों जैसे नीबूं, संतरा, मौसमी, नारंगी के साथ मौसमी फलों, साबुत अनाज, शर्बत, फलों का रस, दूध, लस्सी, दही को भी पर्याप्त मात्रा में शामिल करना चाहिए।
बताया कि जहां तक संभव हो गर्भवती एवम दूध पिलाने वाली महिलाओं, अशक्त एवं गंभीर बीमार बुजुर्गों, अनियंत्रित मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप के रोगियों,बच्चों एवं कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को व्रत व रोजे रखने से बचना चाहिए। उन्होंने ने रमजान माह में कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क लगाने,घरों में ही रहने घर मे ही इबादत करने ,बार-बार साबुन से हाथ धोने या अल्कोहलयुक्त सेनेटाइजर का प्रयोग करने ,शारीरिक दूरी बनाए रखने और सदा सकारात्मक सोचने की सलाह दी है।
बताया कि जहां तक संभव हो गर्भवती एवम दूध पिलाने वाली महिलाओं, अशक्त एवं गंभीर बीमार बुजुर्गों, अनियंत्रित मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप के रोगियों,बच्चों एवं कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को व्रत व रोजे रखने से बचना चाहिए। उन्होंने ने रमजान माह में कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क लगाने,घरों में ही रहने घर मे ही इबादत करने ,बार-बार साबुन से हाथ धोने या अल्कोहलयुक्त सेनेटाइजर का प्रयोग करने ,शारीरिक दूरी बनाए रखने और सदा सकारात्मक सोचने की सलाह दी है।
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