प्रदेश में कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या में निरन्तर हो रही है बढ़ोत्तरी - नवनीत सहगल

- मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर कार्य कर रही है सरकार
- कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जा रहा विशेष अभियान
- 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का हो रहा टीकाकरण
- कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए साप्ताहिक बंदी 10 मई तक बढ़ाई गयी

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर लगातार कार्य किया जा रहा है। जिसकी स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि 75 जनपदों में से 52 जनपद ऐसे हैं जहां पर कोविड संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या नये मामलों से ज्यादा है। प्रदेश में एक सप्ताह से कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 02 लाख 32 हजार से अधिक टेस्ट किये गये हैं तथा 40,852 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आज 05 मई से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर 97 हजार राजस्व गावों में घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश एकमात्र प्रदेश है जहां पर कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ऐसा अभियान चलाया जा रहा है। आर0आर0 टीम के द्वारा लक्षणयुक्त वाले लोगों का एन्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन किट तथा आर0आर0टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका एन्टीजन टेस्ट कराते हुए, उनकों निशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराते हुए, उनका उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे ग्राम पंचायत/स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर में रखा जायेगा। इन क्वारंटीन सेंटरों में रहने वाले लोगों की देखभाल एवं खान-पान की व्यवस्था सरकार कर रही है।
श्री सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी को विस्तार करते हुए अब प्रदेश में 10 मई सोमवार प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रहेगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि सतत संचालित रहेंगी। पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 58,194 ग्राम पंचायतों जिनमें 97,509 राजस्व गांव है जिसमें 68,737 कर्मचारी लगाये गये हैं जो कि सफाई का काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 19 हजार गांवों में हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया गया है और 9,883 गांवों में फॉगिंग की जा रही है। इसी तरह से नगरीय क्षेत्र में भी लगभग 12,016 वार्डों में 81 हजार श्रमिकों को लगाकर यह अभियान चलाया जा रहा है। 9,300 वाहनों द्वारा 09 हजार से अधिक जगहों से कूड़ा उठाकर अलग रखा गया है। इस 5,515 टीमों द्वारा पूरे प्रदेश के 12 हजार वार्डों में सफाई का काम निरन्तर किया जा रहा है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को अब तक 1,05,68,125 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। उन्होंने बताया कि 01 मई, से 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण 07 जिलों में तेजी से किया जा रहा है। जिसके तहत अब तक 51,284 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि विशिष्ट समूह जैसे-सरकारी कर्मचारी तथा उनके परिजन, मीडिया बन्धु तथा उनके परिजन तथा गरीब वर्ग को प्राथमिकता से सरकारी टीकाकरण का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण निःशुल्क किया जा रहा है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 746 मी0टन आक्सीजन की सप्लाई की गयी है। जिसे 850 मी0 टन किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 37 अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी गयी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा अन्य 44 अस्पतालों के लिए भी आक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गयी है जिसके क्रम में 09 अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य अन्तिम चरण में चल रहा है। उन्होंने बताया कि मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी कोविड अस्पतालों में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद नहीं रखी गयी है तथा स्थानीय प्रशासन को यह कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों के पहचान पत्र ही उनके आने-जाने के पास है।
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