कबीर मठ पर अनवरत चलाए जाने वाले नि:शुल्क भोजन का मंडलायुक्त बस्ती मंडल ने किया शुभारंभ

कबीर ने दुनिया को शांति,-अमन, आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया - मण्डलायुक्त
रिलैक्सो डेमो शोर कंपनी के द्वारा कबीर मठ पर मजलूमो व  गरीबों को खिलाया जाएगा निःशुल्क भोजन-- अब्दुल्ला

जितेन्द्र पाठक
संत कबीर नगर। महान सूफी संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर उनकी समाधि स्थल पर पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत रिलैक्सो डेमो शोर कंपनी के डायरेक्टर अब्दुल्ला के आयोजन में मजलूम गरीबों को भोजन खिलाने का कार्यक्रम आयोजित  किया गया जिसके मुख्य अतिथि अनिल कुमार सागर मंडलायुक्त बस्ती मंडल बस्ती द्वारा थाली परोस कर शुभारंभ किया गया।
सबसे पहले मगहर आगमन पर आयुक्त बस्ती मंडल बस्ती द्वारा कबीर समाधि स्थल पर नमन किया गया उसके बाद रिलैक्सो कंपनी के डायरेक्टर अब्दुल्लाह  द्वारा आयुक्त बस्ती मंडल बस्ती का पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया तदुपरांत दो दिवसीय आयोजित भंडारे का कमिश्नर द्वारा थाली परोस कर आगंतुकों को खिलाकर शुभारंभ किया गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में अनिल कुमार सागर आयुक्त बस्ती मंडल बस्ती ने कहा कि पर्यटन के दृष्टिकोण से विश्व में महात्मा कबीर की तुलना नहीं की जा सकती जिन्होंने विश्व स्तर पर एक संदेश दिया है ,शांति का अमन का, आपसी सौहार्द ,और भाईचारे का ,जिसको अपने छंद सवैया के माध्यम से  समाज को आईना  दिखाने का काम किए थे सूफी संत कबीर दास जी आज हम लोग अगर कहीं नाम आता है तो इस सूफी संत का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिया जाता है ऐसे स्थान पर रिलैक्सो कंपनी के डायरेक्टर द्वारा अनवरत भोजन का आयोजन कर बहुत ही सराहनीय काम किए हैं और ऐसे लोगों को समाज में आगे आना चाहिए जो किसी के लायक हूं किसी की सेवा कर सके किसी को कपड़ा दे सके किसी को भोजन दे सके और ऐसा करते हुए कबीर के पद चिन्हों पर चलने के लिए अग्रसर रहें यहां विश्व स्तर से लोग पर्यटक के रूप में आते हैं और अपना श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें अपने गांव देश को चले जाते हैं जो लोग आते हैं वह कुछ यहां दे कर जाते हैं।
अपने उद्बोधन में कंपनी डायरेक्टर अब्दुल्ला  ने एक किवदंती से शुरू करते हुए कबीर के पृष्ठभूमि को तरफ लोगों को दिखाने का काम किया जिसमें उन्होंने बताया कि कबीर दास जी के घर कुछ संतों का झुंड आ गया उनके घर खिलाने के लिए अन्न का एक दाना भी नहीं था कबीर दास स्वयं बनिया के वहां जाते हैं और अन्य भंडारके लिए मांग करते हैं बनिया का इस जवाब पर कि तुम्हारा पिछला बकाया है ऐसी सूरत में मैं जब तक पिछला भुगतान नहीं करोगे दोबारा नहीं दूंगा इस बात को उन्होंने अपनी पत्नी को आकर बताया पत्नी ने कहा कि मैं बनिए के पास जाती हूं और शत-शत सामान लाया और बनाकर सन्यासियों को खिलाया खाना खिलाने के बाद पत्नी अपने वादा के  मुताबिक बनिए के घर जाती है जिस रात बहुत बारिश हुई रहती उनकी पैरों की महावर छूट ना जाए इसके लिए सूफी संत कबीर ने अपनी पत्नी को कंधे पर बैठाकर बनिया के पास पहुंचा दिया बनिया जब देखा किस कीचड़ भरे रास्ते में कबीर की पत्नी को कीचड़ नहीं लगा है और ना ही इनके महावर और रंग छूटे हैं आखिर कैसे? इस बात पर लोई द्वारा साफ-साफ बता दिया गया जिसे सुनकर बनिया काफी शर्मिंदा हुआ और कबीर दास जी का शिष्य स्वीकार लिया। जिसमें कबीर पंथ के अनुयायियों व समर्थकों तथा मजलूम गरीबो द्वारा मुफ्त भोजन किया गया।
इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संगीता वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक संत कबीर नगर ,ट्रैफिक इंस्पेक्टर संतोष कुमार मिश्रा , अवधेश सिंह समेत तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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