हिन्दी साहित्य के पुरोधा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर बस्ती में हिन्दी विश्वविद्यालय बनाने की मांग -Demand to establish a Hindi University in Basti in the name of Acharya Ramchandra Shukla, the pioneer of Hindi literature.

बस्ती। हिन्दी साहित्य के पुरोधा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय बनाने की मांग तेज हो गई है। पिछले कई वर्षों से यह मांग की जा रही है। इसी क्रम में बुधवार को हरैया विधायक अजय सिंह ने आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना के संदर्भ में नियम 51 के अंतर्गत सूचना देकर वक्तव्य की मांग किया । इसके उत्तर में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने पत्र जारी कर जानकारी दिया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उक्त सूचना को वक्तव्य के लिए स्वीकार किया गया है।  

     उक्त सूचना पर सदन में वक्तव्य दिए जाने के लिए 2 अगस्त 2024 की तिथि निर्धारित की गई है। विश्वविद्यालय की मांग कर रहे विधायक अजय सिंह सहित अन्य लोगों का कहना है कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण  योगदान रहा है और उनका जन्म जनपद बस्ती की पवित्र धरा पर हुआ है इसलिए उनके सम्मान और योगदान को देखते हुए हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना बस्ती में अति आवश्यक है।
    विधायक अजय सिंह ने कहा कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखकर इतिहास लेखन और समीक्षा, आलोचना को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा दिया। वे हिन्दी साहित्य के श्रेष्ठ निबंधकार, मूर्धन्य आलोचक, निष्पक्ष इतिहासकार एवं युग प्रवर्तक थे। उन्होंने हिन्दी निबंध को नया आयाम देकर उसे ठोस धरातल पर प्रतिष्ठित किया।
विधायक अजय सिंह ने बताया कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये लम्बे समय से मांग चल रही है। दुर्गादत्त पाण्डेय के साथ ही अनेक शिक्षक, छात्र निरन्तर इस मांग को लेकर सरकार से रचनात्मक पहल का आग्रह करते रहे हैं।
    आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये  उनका प्रयास अनवरत जारी रहेगा और सरकार आवश्यकता को देखते हुये गंभीरता से विचार कर इस पर शीघ्र घोषणा भी कर सकती है। यह बस्ती के साथ ही पूर्वान्चल के लिये बड़ी उपलब्धि होगी।

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